श्रीनगर गढ़वाल के डाक्टर से 31 लाख रुपये की धोखाधड़ी, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

श्रीनगर गढ़वाल के डाक्टर से 31 लाख रुपये की धोखाधड़ी, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

श्रीनगर गढ़वाल के डाक्टर से 31 लाख रुपये की धोखाधड़ी

श्रीनगर गढ़वाल के डाक्टर से 31 लाख रुपये की धोखाधड़ी, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

श्रीनगर: प्राइवेट कॉलेज में एमबीबीएस में प्रवेश के नाम पर नोएडा की एजेंसी ने एक डॉक्टर से 31 लाख 26 हजार रुपए हड़प लिए. पीड़ित डॉक्टर ने एजेंसी के प्रबंधकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है. उन्होंने श्रीनगर कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है.

ये है पूरा मामला: उप जिला अस्पताल श्रीनगर में तैनात डॉक्टर धीरज कुमार ने बताया कि नवंबर 2021 में नीट-यूजी का रिजल्ट जारी हुआ था. टेस्ट को उनके बुआ के बेटे क्षितिज ने क्वालीफाई कर लिया. रैंक के मुताबिक, क्षितिज का नंबर प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में आ रहा था. बीते 13 नवंबर 2021 को उनके पास प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने वाली एजेंसी के प्रबंधकों का फोन आया कि उनके भाई को हरियाणा के एक मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाया जाएगा.

एडमिशन के नाम पर डॉक्टर से ठगी

अलग-अलग कॉलेजों के नाम पर ठगते गए: उन्हें बताया गया कि मेडिकल कॉलेज में ट्यूशन फीस और हॉस्टल फीस साढ़े 61 लाख रुपए है. इसके बाद डॉक्टर धीरज ने दो लाख रुपए एजेंसी और दो लाख रुपए कॉलेज के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए. कुछ समय बाद एजेंसी ने बताया कि हरियाणा में प्रवेश नहीं हो पा रहा है. इसके बाद एजेंसी ने अलग-अलग प्रदेशों में स्थित मेडिकल कॉलेजों के नाम बताए. इस बीच वो फीस की रकम बढ़ाते गए.

एक करोड़ रुपए फीस मांगी: वहीं, एजेंसी ने देहरादून के एक निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने पर एक करोड़ रुपए फीस की बात कही. वो इसको भी देने को तैयार हो गए. लेकिन बाद में यहां भी मना कर दिया गया. इस बीच उन्होंने एजेंसी की ओर से बताए गए कॉलेजों के खातों में 31 लाख 26 हजार रुपए डाले. एजेंसी ने उन्हें पश्चिम बंगाल के मेडिकल कॉलेज में जाने के लिए कहा. वे प्रवेश के लिए पश्चिम बंगाल भी चले गए.

श्रीनगर में मुकदमा दर्ज: वहां फीस की रकम डेढ़ करोड़ होने की वजह से उन्होंने मना करते हुए अपने रुपए लौटाने के लिए कहा. डॉक्टर धीरज ने बताया कि एजेंसी अब उनकी रकम नहीं लौटा रही है. पूरे मामले में श्रीनगर कोतवाली के कोतवाल हरिओम चौहान ने बताया कि तहरीर मिलने के बाद जांच की जा रही है. संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.